करुणा और मैत्री के भाव से प्रह्लाद जी तब उनसे कहें। करुणा और मैत्री के भाव से प्रह्लाद जी तब उनसे कहें।
दाढ़ों की नोक पर पृथ्वी ला रहे वराह भगवान को देखा था वहां। दाढ़ों की नोक पर पृथ्वी ला रहे वराह भगवान को देखा था वहां।
अग्नि को मान साक्षी मैत्री की कसमें खाईं लक्ष्मण जी ने राम की सारी! अग्नि को मान साक्षी मैत्री की कसमें खाईं लक्ष्मण जी ने राम की सारी!
मनुष्य को मृत्यु और अपयश आदि प्राप्त हैं होते। मनुष्य को मृत्यु और अपयश आदि प्राप्त हैं होते।
पूर्णिमा वाले चन्द्रमा की तरफ से नजरें नहीं हटते। पूर्णिमा वाले चन्द्रमा की तरफ से नजरें नहीं हटते।
यज्ञ समापत होने पर वहां अग्नि से एक दैत्य प्रकट हुआ! यज्ञ समापत होने पर वहां अग्नि से एक दैत्य प्रकट हुआ!